Friday, 3 August 2007

हराम की कमाई करने वालों ?

किसके पास कितनी दौलत है और किसके पास कितनी गाड़िया हैं, इसे से तय किया जाता है कि कौन कितना बड़ा आदमी है?

अशोक मल्होत्रा जैसे ना जाने कितने ही लोग रातों रात अरबपति या खरबपति बनना चाहते हैं। चाहे इसके लिए कोई भी रास्ता अखतियार करना क्यों न पड़े। अशोक मल्होत्रा के घर से बरामद 70 गाड़ियां इस बात की सबूत हैं कि अशोक मल्होत्रा को गाड़ियों का काफी शौक है। गाड़ियों का शौक किसे नहीं होता लेकिन गाड़ियां अपनी कमाई की होनी चाहिए।

महज 15 साल पहले अशोक मल्होत्रा के पास एक ऑटो रिक्शा थी और वह चाय की दुकान चलाया करता था। उसकी किस्मत तो उस वक्त खुल गयी जब उसे दिल्ली विधानसभा के कैटीन की ठेकेदारी मिल गयी। इसके बाद अशोक मल्होत्रा के हाथ जैसे सोने के अण्डे देने वाली मुर्गी लग गयी। अभी तक सीबीआई छानबीन करके पता लगा रही है कि आखिर मल्होत्रा के पास कितने खरब की संपत्ति है।

दोषी केवल अशोक मल्होत्रा नहीं है, जाहिर है कि उसकी इतनी औकात नहीं कि वह इतनी संपत्ति तो क्या उसका एक फीसदी भी अपनी सारी जिंदगी में कमा सके। अशोक के सिर पर राजनेताओं का आर्शीवाद रहा है और यहीं वजह है कि जब फंसने की बारी आयी तो केवल अशोक मल्होत्रा अकेला फंसा है। बेचारा मुंह छिपा कर फरार तो हो गया लेकिन उसकी अवैध कमाई की सारी जमा हराम की दौलत सीबीआई ने जब्त कर लिया।

सीबीआई के छापे में मिले इतनी संपत्ति के बाद भी हराम की कमाई करने वालों के कान पर जूं तक नहीं रेंगने वाला है। हॉ थोड़े दिनों के लिए वह अपना काम थोड़ा सतर्क होकर करेंगे। मामला ठंडा पड़ने के बाद फिर से एक ही जन्म में अधिक से अधिक कमाने की होड़ शुरू हो जाएगी।

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