Monday 3 March, 2008

पहले तो धर्म बना फिर जाति, काम ने लोगो को जात में बाँट दिया, गेडुवा कपड़े पहन कर माथे पर चंदन घिस कर बन गए धरम के ठेकेदार, धर्म जो शिक्षा देता है उसे कितने लोग मानते हैं। धर्म ग्रन्थ उपदेशों से भरी हैं हिंदू का रामायण, मुस्लिम का कुरान, सिख का गुरुग्रथ साहिब हो या क्रिस्चन का बाइबल। सभी अपने ग्रंथों की पूजा करते हैं लेकिन उस पर चलता कोई नहीं।

No comments: