Tuesday, 13 January 2009
याद रखना कोसी को.......
फिर याद आयी कोसी.....आखो में आंसू आ गए...... आखिर एक चैनल ने कोसी को याद किया.....उस तबाही की सच्ची तस्वीर को जिंदा कर दिया.....हँसी के बीच हम भूल जाते हैं की आज भी लाखो लोग कोसी के कहर को झेल रहे हैं....एक माँ ने अपनी बेटी का नाम कोशिका इसलिए रखा की उसका जनम उस कोसी के बाढ़ में हुआ था.....ये कहानी किसी दुसरे ग्रह के प्राणियों की नही थी.....इसी भारत में रहने वाले उन लोगो की थी.....जिनको कोसी के किनारे रहने की सज़ा मिली थी......प्रशासन ने अपना पूरा ज़ोर लगाया लेकिन वो जनता की तकलीफ को कम नही कर सका....NDTV ने ये साबित कर दिया की चैनल का अपना पहचान उसके प्रोग्राम से पता चल जाता है......याद रखन कोसी को.....दिखा कर इस न्यूज़ चैनल कई चैनलों को उनकी ज़िम्मेदारी याद दिला दी है.....काश सभी चैनल अपने धंधे से कुछ अलग सोच कर कुछ करते......प्रोग्राम के इस गीत की पंक्ति ने दिल को छु लिया......हम तो मारी छि मुक्का कपार में हम्मर किस्मत फसल कोसी धार में....... हम तो मारी छि मुक्का कपार में हम्मर किस्मत फसल कोसी धार में.......
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1 comment:
हम तो मारी छि मुक्का कपार में हम्मर किस्मत फसल कोसी धार में....... हम तो मारी छि मुक्का कपार में हम्मर किस्मत फसल कोसी धार में.
kosi ki yaad dila di aapne. badhai.
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