Thursday, 29 January 2009

हंगामा है क्यों बरपा..........

दिल की बात जुबां तक लाना बहुत मुश्किल होता है....मोहल्ला डॉट ब्लॉग स्पॉट वाले अविनाश जी ने अपने ब्लॉग पर सविता भाभी डॉट कॉम की बहस क्या चलायी.....लोगो को शर्म आने लगी....ज़ाहिर है आपत्ति उन्ही लोगो को है जो इन बातों पर बहस नही करना चाहते....उन्हें डर है की सारी बातें खुल न जाए.....भइया तो रविश जी ने भी तो अपने प्रोग्राम में इसी बहस को उठाया ...(29 जनवरी को रात 9.30 बजे NDTV के स्पेशल रिपोर्ट में), क्यों हम महिलायों की बातों पर भड़क जातें हैं.....आख़िर क्या बात की हर बार इन बातों को उठाने वालों को गाली देकर चुप करा दिया जाता है....क्या उनके पास शब्द ख़तम हो गए है की वे भी अपनी औकात पर आ गए....भाई थोड़ा तो लिहाज कीजिये....वरना आप भी श्री राम सेना में शामिल हो जाईये....अविनाश जी ने बात पते की है.....ये दूर तक जायेगी....जिनको दिक्कत है वे अपनी बहन बेटियों को पढ़ना लिखना बंद करवा दे.....आज भी कोई लड़की किसी दूकान पर जा कर सिगरेट नही सुलगती...अगर वो किसी पब क्या रेस्तरां में जाकर सिगरेट या शराब न पिए तो क्या करे?लड़कों को तो पुरी आज़ादी है की वो सरे आम कुछ भी करे इसमे उनकी मर्दानगी है.....लेकिन अगर किसी लड़की या महिला ने येसा कुछ किया तो उसमे सभी की बदनामी है....एक महिला राष्ट्रपति हैं, इसमे भी कई लोगों को आपत्ति है.....क्यो भइया क्या आपको राष्ट्रपति बना दिया जाए....लोगो को वो सभी बातें बुरी लगती है जिसमे महिलायों को थोडी भी आज़ादी मिल जाए.....भारत ने चाँद छु लिया है....लेकिन आज भी कुछ लोग सरे आम लड़कियों को पिट रहे हैं....मैं इसे कैसे भारत का विकास मान लूँ???

2 comments:

amritraj said...

SANDEEP JI AAPNE BAHUT HI AACHA LIKHA HAI

KYU KI AAJ KI DATE MAI LADY KE BAARE MAI KOI ITNA NAHI SOCHTHA HAI

APR AAPNE YE SOCH KAR KAAFI AACHA KIYA HAI AUR LIKHA BHI HAI

GUDD LAGE RAHO AASE HI

राजीव करूणानिधि said...

ठीक लिखा है संदीप आपने. मेरे ख्याल से शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसे महिला राष्ट्रपति से आपत्ति होगी. वैसे बाकी सारे मुद्दे अपने सही उठाया है. बधाई.