Thursday 6 May, 2010

आपका गोत्र क्या है?

सर जी आपका गोत्र क्या है? शादी से पहले लोग नाम और काम नही पूछते, पूछते हैं तो गोत्र.....गोत्र और गोत्र.....
निरुपमा पाठक को मरने के बाद बहुत लोग जान गए हैं.....मैं भी नही जानता, अगर उसकी हत्या नही होती। जात पात में बचपन से रूचि रही है। और अब तो इतना समझा में आ गया है की लोगो की पहचान बदल सकती है लेकिन जात नही....
आपकी जात ही आपकी सोच निर्धारित karti hai....मैंने कई लोगो को जात से ही किसी व्यक्ति की मानसिकता का अनुमान लगते देखा है।
उच्च वर्ण वाले निम्न वर्ण वाले की मानसिकता को छोटी बताते हैं और निम्न वर्ण वाले उच्च वर्ण वाले को उनकी मानसिकता की दुहाई देते हैं। मेरे दोस्तों में सभी जात और धरम वाले हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मैं किसी से उसकी जात नही पूछता....
आप कितने पढ़े लिखे हो या अमेरिका या इनग्लैंड में क्यों न रहते हों। जब शादी की बात बात आती है तो सबसे पहली बात गोत्र और जाति की आती है। इस मुद्दे पर को बहस करता है तो उसे टाइम बर्बाद करने वाला कहा जाता है या कहा जाता है की ये मेरा नीजी मामला है। निरुपमा के माता पिता भी उसके दूसरी जाति में शादी को अपना नीजी मामला समझकर उसे अपने तरीके से सुलटा रहे थे.....
दुनिया बहुत तरक्की कर रही है। लोग बहुत आगे बढ़ रहे है...लेकिन कुछ लोग है जो अपना पुरातनपंथी सोच को अपना अगली पीढ़ियों पर लादते जा रहे हैं। उन्हें निरुपमा की मौत से कोई सबक नही मिलती। और जो लोग ८ तारीख को इंडिया गाते पर मोमबतिया जला कर अपना प्रदर्शन करने जा रहे है क्या वो जाति और गोत्र को नही मानते?

1 comment:

दिनेशराय द्विवेदी said...

संदीप जी,
जाति और गोत्र अभी बहुत बरसों तक पूछे जाते रहेंगे। इस ढाँचे को तोड़ने के लिए सामुहिक प्रयास नहीं के बराबर हैं। लोग व्यक्तिगत प्रयास करते हैं और दंडित होते रहते हैं, निरुपमा की तरह।