लेखक सलमान रुश्दी को ब्रिटेन सरकार के नाइटहुड के ख़िताब से सम्मानित किए जाने पर विवाद गहराता जा रहा है और कई इस्लामी देशों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है.
सलमान रुश्दी की पुस्तक सैटानिक वर्सेस ने 1989 में ख़ासा विवाद खड़ा कर दिया था और दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन हुए थे.
ईरान ने तो सलमान रुश्दी की मौत का फ़तवा जारी कर दिया था.
ईरान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को ब्रिटेन के राजदूत को बुलाया और कहा कि रुश्दी को नाइटहुड दिया जाना एक ‘भड़कानेवाला क़दम’ है. पाकिस्तान ने भी ऐसा ही विरोध व्यक्त किया. उसने भी ब्रिटेन के उच्चायुक्त रॉबर्ट ब्रिंकली को बुलाया और कहा कि यह ब्रितानी सरकार की ‘गहरी संवेदनहीनता’ को दर्शाता है. ब्रिटेन ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि रुश्दी को नाइटहुड दिया जाने का मकसद इस्लाम की तौहीन किया जाना नहीं था.
दूसरी ओर ब्रिटेन के उच्चायुक्त रॉबर्ट ब्रिंकली ने पाकिस्तान के एक मंत्री के बयान पर गहरी चिंता जताई है. पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री मोहम्मद एजाज़ुल हक़ ने कहा था कि सलमान रुश्दी को यह सम्मान दिए जाने से आत्मघाती हमले बढ़ने की आशंका है. ब्रिटेन सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि " उच्चायुक्त ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री ने जो बयान दिया है उस पर ब्रिटेन सरकार बहुत चिंतित है." प्रवक्ता ने कहा, " ब्रिटेन सरकार इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट मत रखती है कि कोई भी ऐसी बात नहीं है जिससे आत्मघाती हमलों को जायज़ ठहराया जा सके."
ईरान के विदेश मंत्रालय के निदेशक इब्राहिम रहीमपुर का बयान सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने जारी किया है जिसमें कहा गया है, '' यह मुसलमानों और अन्य धर्मों के अनुयायियों के घाव को कुरेदने जैसा है.'' उनका कहना था कि ईरान 'ब्रितानी सरकार और महारानी एलिज़ाबेथ-द्वितीय को इस भड़कानेवाली कार्रवाई के लिए ज़िम्मेदार मानता है.'
इससे पहले रुश्दी को 'सर' की उपाधि दिए जाने पर विरोध प्रकट करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में ब्रिटेन के उच्चायुक्त को तलब किया. पाकिस्तान की संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर सलमान रुश्दी को 'सर' का ख़िताब देने का विरोध किया
संसद की ओर से पारित प्रस्ताव में माँग की गई थी कि सलमान रूश्दी को दिया गया सम्मान वापस ले लिया जाए. प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि रुश्दी को सम्मानित करने से 'मुसलमानों की भावनाएँ आहत हुई हैं. दरअसल, पिछले सप्ताह ही सलमान रूश्दी को ब्रिटेन ने उनके लेखन के लिए नाइटहुड से सम्मानित किया था. सम्मान की घोषणा के बाद ही इसका ईरान और पाकिस्तान में व्यापक विरोध शुरू हो गया था.
विवादित पुस्तक
सलमान के सम्मान पर विवाद ऐसे समय में हो रहा है जब उन्होंने मंगलवार यानी 19 जून को ही अपने जीवन के 60 वर्ष पूरे किए हैं. सलमान रुश्दी का जन्म भारत में हुआ था. सलमान रुश्दी में 1989 में लिखी गई 'सैटेनिक वर्सेस' नाम की किताब लिखी थी जिसका दुनिया के कई देशों में भारी विरोध हुआ था और भारत सहित कई देशों ने उस पर पाबंदी लगा दी थी. उनकी चौथी किताब 'सैटानिक वर्सेस' में अच्छाई और बुराई के बीच की काल्पनिक लड़ाई दिखाई गई है जिसमें धर्म, इतिहास, दर्शन और फैंटसी का इस्तेमाल किया गया है. सलमान रुश्दी ने इस सम्मान के लिए ब्रितानी सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है और इसे अपनी लेखनी को मिली पहचान बताया है.
2 comments:
सलमान रुश्दी को ब्रिटेन कि तरफ से मिला अवार्ड भड़काने कि करवाई इस लिये है कि अभी ब्रिटेन मे दर्जनों और दुनिया मे सैकड़ो ऐसे लेखक है जो रुश्दी से बेहतर लिखते है। टोनी ब्लेयर का पुरा कार्यकाल अमरीका कि चापलूसी करते बिता है, और अपनी आखरी वक्त मे भी उन्होने वही किया जो नफरत फैलाये।
कामरान परवेज़
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SALMAN RUSHDI HO YA KOI OR JO BHI ISLAM KE KHILAF LIKHEGA YA BOLEGA USKI PURA MUSLIM JAGAT KHILAFAT KAREGA .
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