इस रास्त्रापति चुनाव में जो कुछ देखने और सुनाने को मिल रह है, पहले शायद ही किसी रास्त्रापति चुनाव में इस तरह का माहौल देखे को मिल हो २००७ का रास्त्रापति चुनाव इतिहास लिखेगा जाहिर है आजादी के ६० सालों बाद को महिला इस पद को सुशोभित करने जा रही है
पहले तो इस नाम को लेकर ही राजनितिक दलों में आपसी खीच तान शुरू हो गयी, पहले इस चुनाव में कई नाम आये लेकिन किसी नाम पर सहमती नहीं बनी तब जाकर श्रीमती सोनिया गाँधी ने अपनी पुरानी वफादार प्रतिभा पाटिल का नाम चुना
लेकिन जैसे जैसे चुनाव का दिन नजदीक आता जा रह है प्रतिभा ताई रोजाना नए नए विवादों से घिरती जा रही हैं, पहली बार उन्होंने पर्दा प्रथा के बारें मे टिप्पणी कि हिंदु औरतों ने मुग्लो के आने के बाद पर्दा करना शुरू कर दिया था इस टिपण्णी पर इतिहासकारों के कड़ी आप्पती की उसके बाद पता चला कि रास्त्रापति उम्मीदवार पर करीब १७.५ करोड़ रकम बकाया है, एक और आरोप यह लगा कि ताई ने अपने भाई को हत्या के आरोप से बचने के लिए अपने पद का दुरोप्योग किया था...
ताज़ा घटनाक्रम यह है कि रास्त्रापति पद कि उम्मीदवार पूरी तरह अंध विस्वासी भी हैं, उन्होने माउन्ट आबू स्तिथ ब्रह्म कुमारी में कहा है कि उन्होने ने बाबा कि आत्म से बात कि है
प्रतिभा पाटिल रास्त्रापति बनने से पहले इतने विवादों से घिर गयी हैं तो आगे क्या होगा?
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