Monday, 3 December 2007

सड़क पर २० रुपये लेकर चलें


भारत की राजधानी दिल्ली में सड़क पर चलने से पहले यह ज़रुर देख लें कि आपके बटुए में २० का नोट है कि नहीं? दिल्ली सरकार ने सडकों पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए १ धासुं उपाए खोज लिया है....वैसे भी दिल्ली की चका चक चौडी सड़कें पैदल चलने वालों के लिए नहीं बनाई गयी है...इन सड़कों पर तो केवल लंबी चौडी गाडियाँ फर्राटे से दौड़ती अच्छी लगती हैं॥

सरकार भी बेचारी क्या करें सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए उसने पैदल चलने वाले लोगों पर ही चालान लगाना बेहतर समझा....१० साल पहले भी इसी प्रकार का चालान लगाया गया था लेकिन कुछ ही दिनों में ये चालान ताए ताए फिस्स हो गया...एक बार फिर सरकार ने अपना पुराना उपाए लागु करने का फैसला किया है...

आज दिल्ली में करीब ६० हजार गाडियाँ हैं...यानी हर दुसरे व्यक्ति के पास अपनी गाड़ी है...लेकिन वास्तविकता में येसा है नहीं....वरना रोजाना हज़ारों लोगों को जानवरों की तरह बसों पर लटककर सफर नहीं करना पड़ता....भाई साहब यहाँ तो यैसे भी लोग हैं जिनके परिवार में ५ से ज्यादा गाडियाँ हैं...सरकार का भी सोचना ठीक है अगर जनता गाड़ियों में सफर करेगी तो वह बसों से नहीं कुचली जायेगी...

विदेशों में पैदल यात्रियों को ज्यादा तरजीह दी जाती है ऐसा मैं कही पढ़ था...लेकिन भारत में जहाँ की आधी से ज़यादा आबादी के पास २ वक़्त का खाना नहीं है वैसे में उन्हें ४ चक्का में चलने को कहना कितना बड़ा मजाक है....अब सरकार की मनसा से लगता है कि वह पैदल चलने वालों से ज्यादा गाड़ियों वालों के बारे में सोचती है....मगर शीला जी मत भूलिए कि अबकी बार आपको बचाने में इन पैदल चलने वालों कि अहम भूमिका होगी....कहीं ऐसा न हो कि ये लोग चालान के कारन वोट देने पैदल चलकर ही न जाएँ....

2 comments:

Keerti Vaidya said...

MEIN BHI DELHI KE NIVASI HUN AUR SACH AB JO DELHI HAAL HAI USSEY DEKH KAR KABHI KABHI LAGTA HAI ..MEIN DELHI MEIN KYUN HUN...

AJEEB HALAT BAN GAYE ..KANHI SEALING...KANHI TODFOD AUR AB YE NAYE TRAFFIC RULES...EK INSAAN JO ROZ SADKO PAY DEKHEY KHA KAR KAI KILOMETER SAFER TEY KAR DIN KEY 100 RS. BHI NAHI KAMATA ...ASEY RULE KYA SARKAR KO SHOBHA DETEY HAI?

अरविंद चतुर्वेदी said...

बातें उठती हैं और गिर जाती हैं। विचार बनते हैं और प्रतिवाद का दंश झेल कर सबल बन जाते है। संदीप जी आप भी अलग नही हैं। आप हल्ला मचाएगें। आपको ददॻ बाद में होता है चिल्ला पहले लेते हैं। सरकार ने किया तो ग़लत। कोटॻ करती तो आप भी मस्त। भाई भारी भरकम ख़चॻ करके रेलिंग लगाई जाती है कि आप जैसे कूद्दी ना मारें। सबवे आपको दिखता नही है ओवरबिज्र से सड़क पार करना आपकी शान के ख़िलाफ है। सड़क को खलिहान समझने वालों के लिए आप ही कुछ सलाह दें। वादा रहा मै तो मान ही जाऊँगा। नही तो अपनी आदत के लिए 20 रू. दूँगा।