Saturday, 6 September 2008

बाढ़ में बढ़ा हाथ......

हर कोई मदद कर रहा है उन लाचारों की जिन्हें कोशी ने अपना शिकार बना डाला। रोटी, कपड़ा और मकान ये तीन चीज़ें इंसान की मुलभुत ज़रूरत है. लेकिन ये भी नसीब नही उन बेचारों को जो बाढ़ में अपने परिवार को किसी तरह जिंदा रख रहे हैं. प्रधानमंत्री ने बिहार में आयी बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है. तबाही का मंज़र देख कर रूह कांप उठती है. क्या कसूर था उन बेगुनाहों जीने प्रकृति ने ये सज़ा दे दी. अब नज़र उनकी ओर उठती हैं जिन्हें भगवन ने इतना सामर्थ्य दिया है की वे आगे आकर इस आपदा के शिकार बने लोगो की थोडी मदद कर सके. हमने भी एक छोटी सी कोशिश की और एक दिन में १० हज़ार रुपया जमा कर लिया और उसे मुख्मंत्री राहत कोष, पटना के नाम भेज दिया. आप भी अपने कार्यालय या कॉलेज में कुछ राशिः जमा कर इन असहायों की थोडी मदद कर सकते है. सरकार अपना काम करेगी लेकिन हम भी इंसान है. जैसे भी हो....जिस रूप में हो हमें मदद करनी ही चाहिए....इंसानियत के नाते ही सही....
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के अकाउंट नम्बर १०८३९१२४९२८ में मुखमंत्री राहत कोष में सहयोग राशिः जमा करा सकते है.

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