Sunday, 24 May 2009

हिंसा के अनुयायी....

ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना के एक गुरुद्वारे में हुए संघर्ष में एक शख्स की मौत हो गई है जिसके बाद भारत के जालंधर शहर में उग्र प्रदर्शन हुए हैं। इसके विरोध में भारत के पंजाब राज्य के कई शहरों में प्रदर्शन हुए। बसों को जला दिया गया और वहां कर्फ्यू लगा दिया। अलावा नकोदर, फगवाड़ा और कुछ अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शन हुए। घटना से वियना का छोटा सा सिख समुदाय सकते में आ गया। डेरा सच खंड रविदास के अनुयायियों का है जिनका संबंध दलित वर्ग से है। हमलावर कथित ऊंची जात के थे और उनका आरोप था कि ग्रंथी गुरु ग्रंथ साहब का निरादर कर रहे थे।
सच्चा सौदा हो या डेरा सचखंड। दोनों के अनुयायी सिख है। लेकिन वो दलित जाति के है। इनके अनुयायीओ की संख्या लाखों में है। हर आस्था के पीछे कोई न कोई कारण होती है। हर कोई अपने धर्म और जाति को सर्वोच्य बताता है। सभी एक परमात्मा की पूजा करते है, चाहे उसका तरीका अलग क्यो न हो। तो कोई धर्मं या विश्वास हिंसा फैलाने को नही कहता। हिंसा में किसी की भलाई नहीं होती। इससे केवल और केवल विनाश होता है। जिसे भी वियना में धर्मं गुरु की हत्या की है उसका कोई धर्मं नहीं हो सकता।

1 comment:

Unknown said...

jo dharm hamare jivan ki buniyad hai,usee k naam par log khoon baha rahe hain isse zyada dukh ki baat aur kya ho sakti hai